CIBIL स्कोर से जुड़े 3 बड़े बदलाव! अब 600 स्कोर वालों को भी मिलेगा लोन – RBI की नई गाइडलाइन लागू | CIBIL Score Rules 2025

CIBIL Score Rules 2025 – 2025 में क्रेडिट स्कोर यानी CIBIL स्कोर से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अब वो लोग भी लोन ले सकेंगे जिनका स्कोर पहले बहुत कम माना जाता था। खासकर जिनका स्कोर 600 के आसपास है, उनके लिए ये खबर किसी राहत से कम नहीं। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने नई गाइडलाइन लागू कर दी है, जिससे बैंकों और एनबीएफसी को लोन देने के नियमों में कुछ ढील मिली है। आइए जानते हैं कि ये नए बदलाव क्या हैं, इनका आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा, और कैसे आप इसका फायदा उठा सकते हैं।

CIBIL स्कोर क्या होता है और इसका महत्व क्या है?

CIBIL स्कोर आपके क्रेडिट इतिहास का एक संक्षिप्त अंक होता है जो यह दर्शाता है कि आपने अपने लोन और क्रेडिट कार्ड की अदायगियाँ समय पर की हैं या नहीं। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है।

  • 750 से ऊपर: बहुत अच्छा स्कोर
  • 650 से 749: अच्छा स्कोर
  • 600 से 649: औसत स्कोर
  • 600 से कम: कमजोर स्कोर

महत्व क्यों है?

  • बैंक और वित्तीय संस्थान लोन देते समय इसी स्कोर को देखकर तय करते हैं कि आप लोन के लायक हैं या नहीं।
  • अच्छा स्कोर होने पर कम ब्याज दर पर लोन मिलता है।
  • कमजोर स्कोर होने पर लोन मिलना मुश्किल होता है।

2025 में CIBIL स्कोर से जुड़े 3 बड़े बदलाव

RBI ने 2025 में लोन वितरण को लेकर कुछ नए नियम लागू किए हैं। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को औपचारिक क्रेडिट सिस्टम से जोड़ना है।

1. 600 स्कोर वालों को भी मिलेगा लोन

अब तक 750+ स्कोर को ही सुरक्षित माना जाता था, लेकिन नई गाइडलाइन के अनुसार:

  • 600 या उससे अधिक स्कोर वालों को भी लोन देने की अनुमति दी गई है।
  • NBFC और डिजिटल लोन कंपनियाँ अब 600 स्कोर वालों को भी उत्पाद ऑफर कर सकती हैं।
  • इससे मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को फायदा मिलेगा।

उदाहरण:
रामेश्वर, जो कि एक छोटे व्यापारी हैं और उनका CIBIL स्कोर 620 था, उन्हें पहले बैंक से लोन नहीं मिल रहा था। अब नई नीति के तहत उन्होंने एक NBFC से ₹2 लाख का बिज़नेस लोन लिया है और अब अपने व्यवसाय को बढ़ा रहे हैं।

2. क्रेडिट स्कोर के अलावा और भी फैक्टर पर होगा मूल्यांकन

अब सिर्फ CIBIL स्कोर ही नहीं, बल्कि ये बातें भी ध्यान में रखी जाएंगी:

  • इनकम स्टेबिलिटी
  • नौकरी का प्रकार
  • पिछले EMI की पेमेंट हिस्ट्री
  • बैंक स्टेटमेंट का विश्लेषण

मतलब: अगर आपका स्कोर कम है लेकिन आपकी आमदनी स्थिर है और आप समय पर बिल भरते हैं, तो लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

3. डिजिटल स्कोरिंग मॉडल लागू

अब पारंपरिक स्कोरिंग के साथ-साथ डिजिटल क्रेडिट स्कोरिंग भी लागू की जा रही है:

  • बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से लोन प्रक्रिया तेज और सुरक्षित होगी।
  • मोबाइल पेमेंट, डिजिटल वॉलेट्स और UPI ट्रांजैक्शन भी स्कोर का हिस्सा बनेंगे।
  • इससे नए क्रेडिट यूज़र्स को भी स्कोर बनने का मौका मिलेगा।

अनुभव: मेरे एक जानने वाले हैं, विजय, जो पहले केवल नकद में लेन-देन करते थे। जब उन्होंने डिजिटल भुगतान शुरू किया, तो उनका डिजिटल स्कोर बना और अब उन्हें ₹50,000 का पर्सनल लोन बिना किसी गारंटी के मिल गया।

कौन-कौन से लोग होंगे सबसे ज्यादा लाभांवित?

  • छोटे व्यापारी: जो बैंकिंग सिस्टम से जुड़े नहीं थे।
  • फ्रीलांसर या कॉन्ट्रैक्ट वर्कर: जिनके पास फिक्स्ड सैलरी नहीं है।
  • पहली बार लोन लेने वाले: जिन्हें स्कोर नहीं बन पाया था।
  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी उपभोक्ता: जिनकी डिजिटल पहुँच अब बढ़ी है।

बैंक और NBFC अब कैसे लोन देंगे?

मापदंड पहले अब (2025 के बाद)
न्यूनतम CIBIL स्कोर 750 600
केवल स्कोर पर निर्भरता हाँ नहीं
इनकम का मूल्यांकन सीमित गहराई से
डिजिटल ट्रांजैक्शन की भूमिका नहीं अहम
EMI भुगतान हिस्ट्री का महत्व कम अधिक
ग्रामीण उपभोक्ताओं को लोन मुश्किल आसान

ऐसे सुधारें अपना CIBIL स्कोर

यदि आप चाहते हैं कि भविष्य में आपको और बेहतर शर्तों पर लोन मिले, तो ये आदतें अपनाएँ:

  • समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड भुगतान करें
  • अनावश्यक क्रेडिट कार्ड क्लोज न करें
  • एक साथ बहुत सारे लोन आवेदन न करें
  • क्रेडिट लिमिट का पूरा उपयोग न करें (30% से कम उपयोग करें)
  • साल में कम से कम एक बार CIBIL रिपोर्ट ज़रूर चेक करें

रियल केस: सीमा, एक गृहिणी थीं और उन्होंने छोटे-छोटे डिजिटल पेमेंट्स करके क्रेडिट स्कोर बनाया। दो साल बाद उन्हें ₹1.5 लाख का एजुकेशन लोन मिला, जिससे उन्होंने अपने बेटे को इंजीनियरिंग में दाखिला दिलाया।

मेरी खुद की सीख

जब मैंने पहली बार लोन लिया, तब मेरा CIBIL स्कोर 690 था। मुझे बैंक से लोन नहीं मिला और मैंने NBFC की मदद ली। वहाँ से लोन मिला, लेकिन ब्याज थोड़ा ज्यादा था। मैंने सिखा कि EMI की समय पर अदायगी से स्कोर तेज़ी से सुधरता है। अगले 12 महीनों में मेरा स्कोर 780 हो गया और फिर मुझे होम लोन भी मिल गया।

2025 की RBI गाइडलाइन ने लोन लेने की प्रक्रिया को ज्यादा समावेशी बना दिया है। अब केवल हाई स्कोर वाले ही नहीं, बल्कि ईमानदारी से पेमेंट करने वाले, डिजिटल रूप से सक्रिय लोग भी लोन के हकदार हैं। इससे न केवल अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि लाखों लोगों का जीवन भी बदलेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या 600 CIBIL स्कोर पर होम लोन मिल सकता है?
हाँ, नई गाइडलाइन के अनुसार अब 600 स्कोर पर भी होम लोन मिल सकता है, हालांकि शर्तें थोड़ी सख्त हो सकती हैं।

2. क्या डिजिटल लेनदेन CIBIL स्कोर में जुड़ते हैं?
हाँ, अब डिजिटल व्यवहार भी स्कोरिंग सिस्टम में शामिल किया जा रहा है।

3. CIBIL स्कोर कैसे बढ़ाएं?
समय पर EMI चुकाएँ, क्रेडिट लिमिट का पूरा उपयोग न करें, और पुराने लोन रिकॉर्ड को बनाए रखें।

4. क्या पहली बार लोन लेने वालों का स्कोर होता है?
नहीं, लेकिन डिजिटल क्रेडिट स्कोरिंग से अब उन्हें भी लोन मिलने की संभावना है।

5. क्या NBFC बैंक से अलग होते हैं?
हाँ, NBFC बैंक नहीं होते लेकिन लोन देने का काम करते हैं, और अब इन्हें ज्यादा छूट मिली है लोन वितरण में।